Thursday 19 August 2021

कोरोना बुखार में...

कोरोना बुखार में...
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शरीर की कोशिकाओं में अजीब सी कसमसाहट होती रहती है
लगता है जैसे दस बीस लोगों की बेचैनी एक साथ शरीर में समा गई हो
लगता है जैसे चींटियों की कतार लगातार चल रही हो नाँक के भीतर
लगता है जैसे आलसी आत्माओं ने शरीर पर अपना डेरा बसा लिया हो

मस्तिष्क पर धप-धप की हलचल लगातार होती रहती है
जैसे निहाई पर हथौड़े लगातार मारे जा रहे हों
खुले आसमान पर नाचती हुई सी कुछ धुँधली आकृतियां दिखाई देती है
लगता है जीभ से स्वाद और नाक से खुशबुओं ने अपना नाता तोड़ ली हों  
घुटने और टखने का जोड़ हड्डी से नहीं दर्द से ही बना लगता है
लगता है कि पूरे शरीर में  रक्त नहीं पीड़ा दौड़ रही हो..

-- नरेन्द्र कुमार कुलमित्र

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