बुजुर्गों की हैसियत - 17.04.21
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समाज में बुजुर्गों की हैसियत
पुराने पाँच सौ और हज़ार के नोट की तरह होती है
जिसकी क़ीमत बहुत पहले बहुत ज़्यादा मानी जाती थी
अब उसकी क़ीमत आंकी भी नहीं जाती
अब केवल किसी फ़ाइल की कव्हर में या टेबल पर काँच के नीचे दबे हुए देखे जा सकते हैं
दबे हुए नोट पर कभी किसी की नज़र पड़ने पर
बस इतना कहा जाता है--
अरे ! यह तो पाँच सौ और हज़ार के बहुत पुराने नोट है
इसका चलन बहुत पहले था अब ख़त्म हो चुका है।
-- नरेन्द्र कुमार कुलमित्र
9755852478
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