कानून की बात - 02.04.21
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वे बनाएंगे कानून गेंद की तरह गोल गोल
ताकि कभी भी खेल सके अपने बनाए कानून से
शातिर खिलाड़ी की तरह
वे बनाएंगे कानून चलनी की तरह
ताकि कभी भी बाहर निकल सके उसके महीन छेदों से
अनाज में मिले कंकड़ की तरह
वे बनाएंगे कानून मंहगे और इतने मंहगे
ताकि जब चाहे राह चलते ख़रीद सके अपने बनाए कानून को
मुँहमाँगा पैसे देकर साग भाजी की तरह
-- नरेन्द्र कुमार कुलमित्र
9755852479
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