Thursday 19 August 2021

सफाई कर्मी औरतें - 16.03.21

सफाई कर्मी औरतें - 16.03.21
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साढ़े सात से आठ बजे के बीच
तमाम मोहल्लों की गलियों से गुज़रती हुई
सुबह-सुबह वे आती हैं रोज

कड़कती ठंड में भरी गर्मी में रिमझीम बरसात में भी
सोमवार में शनिवार में रविवार में भी
तीज में त्योहार में राष्ट्रीय उत्सवों में भी
प्रसन्नता में खिन्नता में विवशता में बीमार में भी
घड़ी की सुइयों की तरह लगातार घूमते रहते हैं उनकी गाड़ी के पहिए

हम रोज़ इन्तिज़ार करते हैं उनके आने का
बड़े परेशान हो जाते हैं हम
एक दिन भी उनकी सीटी की आवाज़ सुने बिना

वे हमारे घरों से कचरों को नहीं 
हमारे तनावों को भरकर ले जाते हैं रोज़ सुबह सुबह।

-- नरेन्द्र कुमार कुलमित्र
   9755852479

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