माँ - 14.04.21
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तुम कभी किसी को उदासी में शामिल नहीं करती
उदासी की पूरी जगह
तुम अकेले ही ले लेती हो
मग़र खुशियों में सबको इतना शामिल करती हो
कि ख़ुशी की पूरी जगह भर जाती है
खुशियों में थोड़ी जगह
अपने लिए क्यों नहीं बचाती हो..?
--- नरेन्द्र कुमार कुलमित्र
9655852479
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