सहला रहा था उसके छाती को
मैं एकदम ख़ामोश था और वह भी
बस दोनों की आँखें डबडबाई हुई थी
मेरे हाथों के स्पर्श के ज़रिए
उसकी धड़कनें मेरी धड़कनों से संवाद कर रही थी
उसकी धड़कनों में था -
दुनियां से चले जाने का डर
मेरे हिस्से का प्यार
बिछड़ने का अहसास और दर्द
हम दोनों नि:शब्द रो रहे थे
मैं निरूपाय
इसी दुनिया में
बाद में आए छोटे भाई को
पहले जाते हुए देख रहा था।
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