दुखी हूँ.....29.03.21
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तुम पर हुए अत्याचार के लिए मैं दुखी हूँ
तुम्हारे परिवार के तबाह हो जाने से भी दुखी हूँ
तुम्हारी बहन बेटियों के साथ हुए अनाचार के लिए भी दुखी हूँ
बिना रोज़गार के रोज़गार तलाशते तुम्हारे बेटे के लिए भी दुखी है
भूख से बिलबिलाते तुम्हारे बच्चे और तुम्हारी फटेहाली पर भी दुखी हूँ
पर तुम्हारे लिए सबसे ज़्यादा दुखी हूँ
अपने अभावों और ज़ुल्मों के लिए ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ खड़ा न होने से
और चुपचाप सहन किए जाने बिलकुल भी ज़ुबान न खोले जाने के तुम्हारी रवायत से।
-- नरेन्द्र कुमार कुलमित्र
9755852479
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