Thursday 19 August 2021

बाबूजी का फोन कॉल - 06.03.21

बाबूजी का फोन कॉल  - 06.03.21
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लगभग रोज़ या एक दो दिन के अंतराल में
आ ही जाता है बाबूजी का फोन कॉल
वे फ़ोन पर बात की शुरूआत 
कभी 'हैलो' बोलकर नहीं करते
" हाँ छोटू क्या चल रहा है तुम्हारा।"
यही होता है उनका पहला वाक्य या पहला बोल

जब दो दिन तक लगातार बाबूजी का फोन नहीं आता
मेरा मन थोड़ी आशंका से भर जाता है
उठने लगते हैं कुछ डरावने से सवाल
बाबूजी आख़िर कॉल क्यों नहीं किए.?
कहीं उनकी तबीयत खराब तो नहीं हो गई.?

उनके दो दिन तक फोन न आने पर
मैं ख़ुद फोन लगाने के लिए सोचने लग जाता हूँ
सोचता हूँ मॉर्निंग वॉक से आने के बाद फोन लगाऊँगा
योग कर लेने के बाद फोन लगाऊँगा
अखबार पढ़ लेने के बाद फोन लगाऊँगा
नहाने के बाद,नाश्ता के बाद,कॉलेज जाने से पहले या फिर कॉलेज में ख़ाली पीरियड होने पर लगा लूँगा
कई बार बस ऐसे ही सोचते-सोचते निकल जाता है एक दो दिन
और तीसरे दिन सुबह आ ही जाती है बाबूजी की कॉल

वे हमेशा मुझसे बात करने के बाद पूछते हैं-कहाँ है अस्मि.?
मेरी छोटी बेटी अस्मि से बात करने पर बड़ी राहत मिलती है उन्हें
सबसे पहले अस्मि से बोलवाते हैं तीन बार लंबे-लंबे ॐकार का उच्चारण
फिर कहते हैं कुछ मंत्र सुनाओ अस्मि
फिर तो बेटी धड़धड़-धड़धड़  बोलने लगती है रटे हुए सारे मंत्र
गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र,गीता के पाँच छः श्लोक, सर्वे भवन्तु सुखिनः और आख़िर में तीन बार ॐ शांति शांति शांति

कई बार मैं अपने एकांत में सोचता हूँ 
हर बार फोन बाबूजी ही लगाते हैं
मेरे पास उनके लिए जितना प्यार और वक्त है
कहीं उससे ज़्यादा प्यार और वक़्त मेरे लिए बाबूजी के पास है।

पर यह भी सच है कि जब-जब देखता हूँ
मोबाईल स्क्रीन पर कॉलिंग बाबूजी
साथ ही उनकी काली घनी मूँछों वाली 
कॉलेज के ज़माने की ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर
मैं सहसा धड़क जाता हूँ
मेरा पेपर पढ़ना,कविता लिखना,नाश्ता करना,क्लास लेना,मीटिंग पर होना या खाना खाना
सबकुछ जैसे ग़ैरज़रूरी हो जाता है
मेरे लिए बाबूजी से बात करना दुनियाँ की सबसे जरूरी बात हो जाती है।

-- नरेन्द्र कुमार कुलमित्र
    9755852479

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