(भारतीय पत्रकार एवं फ़ोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की हत्या के बाद )
दानिश सिद्दीकी - 17.07.21
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दानिश तुम एक सच्चे पत्रकार थे
तुम उत्तम पत्रकारिता के लिए
बेपरवाह होकर अपनी जान जोख़िम में डालते रहे
तुमने अपनी मेहनत और जुनून से
ख़ूब नाम कमाया शोहरत हासिल की
तुमने अपने काम से
केवल पुलित्जर ही नहीं जीता
करोड़ों भारतीय दिलों को भी जीत लिया
अंतिम साँस तक अपने काम में डटे हुए
आखिरकार तुम अपने प्राण त्याग दिए
पत्रकारों को ही नहीं
अनगिनत तुम्हारे चाहने वालों को भी फ़क्र है
तुम्हारे जज़्बे और जुनून पर
तालिबानी आतंक को कैमरे में कैद करते हुए
ख़ुद हमेशा के लिए कैमरे में कैद हो गए
अपने हाथों पर कैमरा थामे हुए
खतरनाक मोर्चों पर खुद को डालकर
कभी रोहङ्ग्या मुसलमानों का सच
कभी मोसुल की जंग कभी नेपाल का भूकंप
कभी दिल्ली के दंगे तो कभी कोरोना का कहर
बेख़ौफ़ होकर अपने कैमरे में सहेजते रहे
सारी दुनियाँ के सामने
पर्दे के पीछे का सच लाते रहे
सचमुच तुम्हारी खींची तस्वीरों में
ख़बरें बोलती थीं
पत्रकारिता ही तुम्हारा मज़हब था
तुम अपने मज़हब के लिए कुर्बान हो गए
तुम खबरों को कैप्चर करते करते
ख़ुद एक ख़बर बन गए
सच्चे लेंस वारियर तुम्हें सलाम
सचमुच बड़ा दुःखद है
ख़बरों की दुनियाँ से
तुम्हारे चले जाने का यह ख़बर।
-- नरेन्द्र कुमार कुलमित्र
9755852479
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