ज़रा संभलकर रहिए ! - 14.04.21
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कोरोना को भीड़ पसंद है
भीड़ में ख़ूब फलता फूलता है कोरोना
भीड़ पाकर खुशी से भर जाता है कोरोना
उसे केवल भीड़ चाहिए
चाहे भीड़ धार्मिक हो या अधार्मिक
हिन्दू वाली हो या मुस्लिम वाली
चुनावी हो या गैर चुनावी
भीड़ और भेंड़ दोनों की तासीर समान होती है
वैसे भी भेड़तंत्र और भीड़तंत्र का नाम ही लोकतंत्र है
भीड़ों वाली और भेड़ों वाली देश से
ज़रा संभलकर रहिए ज़नाब !
--- नरेन्द्र कुमार कुलमित्र
9755852479
ज़रा संभलकर रहिए ! - 14.04.21
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कोरोना को भीड़ पसंद है
भीड़ में ख़ूब फलता फूलता है कोरोना
भीड़ पाकर खुशी से भर जाता है कोरोना
उसे केवल भीड़ चाहिए
चाहे भीड़ धार्मिक हो या अधार्मिक
हिन्दू वाली हो या मुस्लिम वाली
चुनावी हो या गैर चुनावी
भीड़ और भेंड़ दोनों की तासीर समान होती है
वैसे भी भेड़तंत्र और भीड़तंत्र का नाम ही लोकतंत्र है
भीड़ों वाली और भेड़ों वाली देश से
ज़रा संभलकर रहिए ज़नाब !
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