Narendra Kumar Kulmitra
Monday 24 October 2022
अनकही बातें...
अनकही बातें
तुम हृदय में ही रहना
ज़बान पर मत आना...
अलिखे शब्द
तुम भावों में ही रहना
पन्नों पर नहीं उतरना...
न जाने फिर कोई बुरा न मान जाए...
न जाने फिर कोई हंगामा न हो जाए...
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