"मरना" अब आकस्मिक नहीं लगता - 14.08.22
(एक अपरिचित की हादसे में मौत देखकर)
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कितना साधारण हो गया है
किसी के बीमार हो जाने का समाचार
गांव में किसी को बुखार हो जाता था
सुनने वाले आश्चर्य प्रकट करते थे
बीमार व्यक्ति को गांव के लोग देखने जाते थे
सांत्वना सहानुभूति और ढांढस भरे शब्दों में इतनी ताकत होती थी
कि बीमार व्यक्ति जल्दी ठीक हो जाता था
अब सहानुभूति के शब्दों में भी वह ताकत नहीं रही
अब लोगों को शुगर बीपी ब्रेन हेमरेज कैंसर लिवर किडनी फेल हार्ट अटैक जैसी बीमारियां सर्दी जुकाम सी होने लगी है
तमाम चिकित्सा सुविधाओं के बीच बीमारियों ने लाइलाज होना सीख लिया है
तमाम दवाओं और दुआओं का असर खत्म होते जा रहा है
अब वो दिन गए जब बीमारियों और मौतों पर आश्चर्य हुआ करता था
हम अमूमन रोज सुनने लगे हैं
फला व्यक्ति हार्ट अटैक से मर गया
अमुक व्यक्ति को कैंसर हो गया
बीमारी से बचा खुचा आदमी सड़क हादसे का शिकार हो जाता है
मरना अब आम बात हो गई है
पल पल घटने लगी हैं आकस्मिक घटनाएं
किसी का मरना अब आकस्मिक नहीं लगता।
---नरेंद्र कुमार कुलमित्र
9755852479
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