कविता - 23.06.22
---------------------------------
कविता हंसाती है
कविता रुलाती है
कविता दुलारती है
कविता फटकारती है
कविता हौसला देती है
कविता जीना सिखाती है
अपार प्रेम से भरी कविता
तानाशाही हर जुल्म और नफरत के खिलाफ
रौद्र रूप धारण कर
निर्भय होकर
विरोध में खड़ी हो जाती है।
मन हल्का हो गया - 23.06.22
---------------------------------------------
कितनी सारी जिम्मेदारियों से
कितने सारे दुखों से
बोझिल हो गया था मन
बस एक कविता लिखने के बाद
मन हल्का हो गया।
-- नरेंद्र कुमार कुलमित्र
9755852479
No comments:
Post a Comment