4.मिलना - 20.06.22
------------------------------------------------------------
मिलना केवल आमने-सामने आंखों से आंखों का मिलना नहीं
मिलना केवल प्रत्यक्ष मिलकर बातें करना नहीं
मिलना केवल दो जिस्मों का एक हो जाना नहीं
यादों की किताब से
आंखों बातों और जिस्मों का
स्मृतियों में साकार हो जाना
मिलने से कम नहीं होता।
-- नरेंद्र कुमार कुलमित्र
9755852479
No comments:
Post a Comment