पीड़ा की नदी -14.07.22
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उसके जीवन में पीड़ा नदी-सी बह रही थी
कई बार अलग-अलग लोगों ने
पीड़ा की उस नदी को बांधने की कोशिश की
मगर पीड़ा के तेज प्रवाह में
उसे बांधने वाले बह गए सारे लोग
उसकी अजस्र पीड़ा कभी बांधी नहीं गई
अब भी अबाध है उसके जीवन में पीड़ा की नदी।
-- नरेंद्र कुमार कुलमित्र
9755852479
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