वह लोगों की नज़रों में लगता बड़ा भक्त है।
पर भौतिकता और भोगविलास में आसक्त है।1।
अब तो डरने लगा हूँ इन धार्मिकों को देखकर।
कभी भी धरम के लिए यहाँ बहता रक्त है।2।
वह रात-दिन समाज सेवा में रहता है व्यस्त।
माता-पिता के लिए उसके पास कहाँ वक्त है।3।
एक बार हुकूमत के ख़िलाफ़ क्या कह दिया।
अब धरती से आसमान तक पहरा सख़्त है।4।
भले हो गुंडा, हत्यारा या फ़िर चोर उचक्का।
स्वतंत्रता दिवस पर लगता तो देशभक्त है।5।
-- नरेन्द्र कुमार कुलमित्र(22.09.2020)
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