Monday 14 September 2020

उन्हें प्रतिघात से डर लगता है....

उन्हें प्रतिघात से डर लगता है..15.09.2020
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उनके मंसूबे देख हमें अंधेरी रात से डर लगता है।
उन्हें चिंनगारी सी दबी जज़्बात से डर लगता है।1।

मन खिल उठा है फिर  काले बादलों को देखकर
न जाने क्यूँ उन्हें इस बरसात से डर लगता है।2।

हमें तो आदत है मुसीबतों में भी मुस्कराने की
आशंकित हैं वे जिन्हें प्रतिघात से डर लगता है।3।

तुम्हारे ज़ुल्म के ख़िलाफ़ करते ही रहेंगे प्रतिरोध
हम वो तो नहीं जिन्हें हवालात से डर लगता है।4।

अब तो बारूदी हवाएं फैलने लगी है फ़िज़ाओं में।
जिम्मेदारों को अब बदले हालात से डर लगता है।5।

--- नरेन्द्र कुमार कुलमित्र
     9755852479

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