प्रतिध्वनि - 07.09.2020
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मुझे छोड़कर जाते समय
उसने कहा था--
तुम मेरा इन्तिज़ार करना
भरोसा रखना तुम
"मैं एक दिन वापस आऊँगा जरूर।"
पर मुझे भरोसा बँधाते समय उन्हें
शायद ख़ुद पर इतना भरोसा नहीं था
वरना वापस आने वाला भला
भरोसे की इतनी दुहाई क्यों देता ..?
मैं उसकी बातों पर भरोसा कर
इन्तिजार करती रही
वादे के मुताबिक़
वह एक दिन आया भी सहीं
पर आना उसका
मुक़म्मल कतई नहीं था मेरे लिए
उसके जिस्म से प्रतिध्वनित होती आवाज़ें
बार-बार गुंज रही थी मेरे कानों में
जैसे चिढ़ा रहा हो मुझे
"कहा था न एक दिन वापस आऊँगा जरूर।"
-- नरेन्द्र कुमार कुलमित्र
9755852479
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