Thursday 27 August 2020

तुम्हारी नसीहतें

तुम्हारी नसीहतें 25.8.2020
---------------------------------------/
मुझे दौड़ते-हाँफते देख
इशारा कर तुम्हीं ने 
डांटते हुए कहा था--
इतना भी दौड़ना ठीक नहीं
मत निकलो समय से आगे
फिर एक दिन
धीरे-धीरे चलते देख
इशारा कर रोकते हुए कहा था--
इतना भी धीरे चलना ठीक नहीं
मत रहो समय से पीछे
तब बिलकुल समझ नहीं पाया था
तुम्हारी विरोधाभास भरी बातों में छुपी हुई नसीहतें
तुम नहीं हो अब
पर साथ है तुम्हारी नसीहतें
शुक्रिया !
अब न आगे हूँ न पीछे
समय के समानांतर चलना
सीख लिया है मैंने।

-- नरेन्द्र कुमार कुलमित्र
   9755852479

No comments:

Post a Comment