Tuesday 9 June 2020

पाँच छोटी कविताएँ

पाँच छोटी कविताएँ 2.6.2020

1.लिखना और सीखना 
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मैं
लिखता जा रहा था
लिखता जा रहा था
बस लिखता ही जा रहा था
पर
लिखने के साथ-साथ
आख़िर क्यों नहीं
सीखता जा रहा था..?

2.जब पहचाना मैंने 
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अनदेखे
उसे देखा मैंने
अनसुने
उसे सुना मैंने
अनछुए
उसे छुआ मैंने
अनजाने
उसे जाना मैंने
पछताया बहुत
जब
अनपहचाने
उसे पहचाना मैंने।

3.बेचैन नींद
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छीनी थी उसने
दूसरे की नींद
वह अब
सोया हुआ भी
सोए जैसा
नहीं लगता
उसकी आँखों में
नींद की जगह
होती है बेचैनी।

4.हँसी में फ़र्क
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जब-जब
हँसता है बच्चा
उसकी हँसी से
उमग जाता है
मेरा मन
पर
जब-जब
उसे देखता हूँ
हँसते हुए
न जाने क्यों
उमड़ता है क्रोध
मेरे भीतर।

5.बताओ 
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वह रोता है
निकलते हैं आँसू
पर
उसके 
आँसूओं के
स्वाद में
खारापन
क्यों नहीं होता
बताओ...?

-- नरेन्द्र कुमार कुलमित्र
    975585247

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