1. तानाशाही लोकतंत्र - 22.07.2020
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तानाशाही लोकतंत्र से
डर लगता है मुझे
क्योंकि--
न तो हम इस व्यवस्था में
किसी को तानाशाह कह सकते हैं
न ही ऐसी व्यवस्था को लोकतंत्र।
2. मुझे हिम्मत दो लोकतंत्र !
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मैं जो लिखना चाहता हूँ
कई बार नहीं लिख पाता हूँ
पता नहीं कब कौन बुरा मान जाए..?
कब किसे चुभ जाए मेरी बातें..?
उलझा हुआ अभिव्यक्ति के द्वंद्व में
सोचता हूँ कई बार
मेरे डरने पर
मुझे हिम्मत क्यों नहीं बंधा पाता मेरा लोकतंत्र ?
मुक्तिबोध के कहे
अभिव्यक्ति के सारे खतरे उठा सकूँ
इतना-सा भरोसा क्यों नहीं दिला पाता मेरा लोकतंत्र?
-- नरेन्द्र कुमार कुलमित्र
9755852479
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